क्या स्वाद है जिंदगी में

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क्या स्वाद है जिंदगी में

मंगलवार, 10 जनवरी 2017

लज़ीज़ उकरपिंडी वडनेरकरी......महाराष्ट्र का पारंपरिक व्यंजन

पारंपरिक व्यंजनों की श्रृँखला में अजीत वडनेरकर जी की रेसिपी प्रस्तुत है.....
लज़ीज़ उकरपिंडी वडनेरकरी

एक लज़ीज़ मराठी आहार है- उकरपिंडी। इसे अनेक लोग उकड़पेंडी भी कहते हैं। इन दो नामों का क्या चक्कर है इस पर पोस्ट के अन्त में चर्चा की जाएगी। उकरपिंडी अपन को बचपन से ही पसंद है। जहाँ तक याद आता है, उन शुरुआती चीज़ों में है जिन्हें छुटपन में पकाना सीखा था। उकरपिंडी हमने अपने भैया यानी पिताजी से सीखी।

इसे बनाने की विधि जानने से पहले बता दूँ कि चित्र में नज़र आ रही उकरपिंडी हमने पारम्परिक ढंग से न बनाते हुए अपने अंदाज़ से बनाई है। उकरपिंडी नाम से चक्कर में न पड़ें, बस इतना समझ लें कि जैसे रवा से उपमा बनता है वैसे ही उकरपिंडी आटे से बना उपमा है। हमने इसे बेजड़ के आटे से बनाया है। आमतौर पर मराठी लोग इसे गेहूँ के आटे से बनाते हैं। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें चौथाई मात्रा से लेकर आधी मात्रा तक चने का आटा यानी बेेसन भी मिलाया जाता है। अपनी रेसिपी में हमने आधी मात्रा बेजड़ आटा (गेहूँ, ज्वार, बाजरा, मक्का) और आधी मात्रा बेसन रखी।

दो लोगों के लिए बेजड़ आटा एक कटोरी। बेसन एक कटोरी
समय तीस मिनट

विधि- आटे को आधी कड़छी तेल में अच्छी तरह भूना जाए। खुश्बू और रंगत से पता चल जाएगा। अलग से निकाल कर रख दें। एक बर्तन में पानी गर्म कर रख लिया जाए। एक कटोरी दही। 

समग्री- एक बड़ी कटोरी प्याज के लच्छे। चार कली लहसुन बारीक कटा। एक टुकड़ा अदरक बारीक कटा। कड़ुवा नीम पत्ता। किसा हुआ सूखा नारीयल। खूब सारा हरा धनिया। आधा चम्मच सफेद तिल।
तड़के के लिए- खड़ा धनिया, सौँफ और राई
कड़ाही में एक कड़छी तेल डाले। गरम होने पर राई धना तड़काएँ। प्याज के लच्छे, लहसुन-अदरक, कढ़ी पत्ता वगैरह सब चीज़ें डाल दें। अच्छी सुगन्ध आने पर भूना हुआ आटा इसमें मिलाएँ। नमक अंदाज़ से डालें। फिर दही डालकर तेज़ी से हिलाएँ। अब चुटकी भर पिसी सरसों और आधा चम्मच सौँफ पाउडर इसमें मिलाएँ। अचारी लज़्ज़त का मज़ा आएगा।

जब सारा मसाला मिल जाए तब धीरे धीरे गरम पानी डालते हुए लगातार हिलाया जाए। उपमा जितना गाढ़ा हो जाने पर जब भाप निकलने लगे तो ढक कर रख दें। पाँच मिनट बाद देखें कि जब निचली सतह सूखने लगे तो अच्छी तरह खुरच कर उपर नीचे कर दें।

यह क्रम करीब दस मिनट तकक अनेक बार दोहराएँ। अच्छी तर भूने जाने के बाद उकरपिंडी की रंगत लाल-भूरी होगी। थोड़ा ठण्डा होने पर प्लेट में निकालें। खूब सारा धनिया, खोपरा छिड़कें। तिल भी डालें। शानदार उकरपिंडी का आनंद ले।