क्या स्वाद है जिंदगी में

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क्या स्वाद है जिंदगी में

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

बाजरे का खीचड़ा




बाजरे का खीचड़ा-

बाजरा को अच्छी तरह धोकर साफ करें और बस बाजरा गीला होने जितने पानी में दो घंटे भिगो दें. पानी से निकालकर कपड़े पर फैला दें ताकि पूरा पानी निकल जाये. अब नम बाजरे को 2 मिनट ओखली में कूटें जिससे बाजरे का छिलका निकल जाये. बाजरे को ओखली से निकालकर  फटक कर छिलका अलग करें. एक बार फिर से यह प्रक्रिया दुहरायें. अब बचे बाजरे को दरदरा कूट लें.
चँवले की दाल और चावल को भिगो कर रखें. (साबुत चँवला भी ले सकते हैं)
भारी तले के भगोने में पानी उबलने रखें. उबाल आने पर बाजरा, दाल और चावल डालकर चम्मच से हिलायें. स्वादानुसार नमक डालें.आँच को संतुलित रखते हुए पकाएं. इसका ध्यान रखना आवश्यक है  क्योंकि खीचड़ा बनते समय पानी
 तेजी से उफनता है. पूरा पकने की स्थिति में खिचड़े से तीव्र बुलबुले उठते हैं. सावधानी रखें.
मात्रानुसार आधे से एक घंटे का समय पकने में लगता है.  पकाने के लिए पूरी सामग्री का दुगुना पानी लें. यदि पानी कम लगे तब उसमें उपर से गरम पानी मिलाएं.
गरम गरम खीचड़ा थाली में लेकर बीच में गड्ढा सा कर घी डालें व गुड़ के साथ भोग लगायें.
कुछ लोग घी की बजाय शुद्ध तिल का तेल डालना पसंद करते हैं. देसी तरीका भी यही है. कुछ लोग गरम खीचड़ा दूध के साथ भी खाना पसंद करते हैं. ऐसी स्थिति में पकते समय नमक न डालें.
भीषण ठंड के समय रात के खाने में यह संपूर्ण भोजन है. रात में बना हुआ खीचड़ा दूसरे दिन सुबह छाछ में मिलाकर कच्चे प्याज के टुकड़े डाल कर खाने पर बहुत स्वादिष्ट लगता है.